मूल्य अस्थिरता

बिटकॉइन एक Decentralized Cryptocurrency है जिससे इस पर किसी भी संस्था या किसी भी देश का कोई कंट्रोल नहीं है ना ही इसकी मूल्य में किसी भी प्रकार की स्थिरता है

काला बाजार गतिविधि

Bitcoin को कोई भी व्यक्ति कितनी भी मात्रा में स्टोर करके रख सकता है और किसी भी तरह से काला बाजारी में इसका उपयोग कर सकता है

धोखाधड़ी

इंटरनेट पर ऐसी बहोत सी वेबसाइट और ऐप्स है जोकि झूटी होती है और बिटकॉइन बेचने या खरीदने के ज़रिये आपसे पैसो की मांग कर सकती है।

साइबर हैकिंग

बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है इसका किसी भी अवस्था में फिजिकल रूप मौजूद नहीं है इसलिए बिटकॉइन पर साइबर हैकिंग का खतरा हमेशा बना रहता है

नो बेयर प्रोटेक्शन

बिटकॉइन खरीदते समय किसी कारन बिटकॉइन रेसिव नहीं होते या कोई दिक्कत आती है तब हमें किसी भी तरह की रिवर्स ट्रांजैक्शन की सुविधा नहीं दी जाती है।

वॉलेट का खोना

बिना ID और Password के आप अपने बिटकॉइन को किसी भी तरह से बेच या खरीद नहीं सकते।

बिटकॉइन की अमान्यता

दुनिया के कुछ देशो को छोड़कर बहोत से देशो ने Bitcoin को अमान्य घोषित किया है, भारत में इसे पूरी तरह से मान्य नहीं किया गया है

बिजली की खपत

बिटकॉइन को मैनेज करने के लिए बिटकॉइन माइनिंग की जाती है जिसके लिए कंप्यूटर्स-मशीने  को दिन-रात कार्य करना पड़ता है जिससे बिजली का इस्तेमाल बहोत ज्यादा होता है

प्रदूषण उत्सर्जन

बिटकॉइन को मैनेज करने के लिए बिटकॉइन की माइनिंग की जाती है जिस कारण से एक बहुत बड़े स्तर पर इससे प्रदूषण भी उत्पन्न होता है

तकनिकी बदलाव

बिटकॉइन के तकनिकी बदलाव में काफी वक़्त लग जाता है और इसी दौरान हमें बिटकॉइन में निचाव और उछाल देखने मिलता है, जोकि मार्केट को काफी हद तक अस्थिर कर देता है