ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान? (2024) | Auto Sweep Account Ke Nuksaan (Updated)

3.7/5 - (3 votes)

अपने बैंकिंग और वित्त की दुनिया में, अपने पैसो का अलग अलग प्रकार से अधिकतम लाभ उठाना महत्वपूर्ण है, इसलिए अपने बैंक में रखी हुई  राशि को ऑप्टिमाइज़ करने का एक तरीका ऑटो स्वीप अकाउंट है।

 

अगर आप अपने बैंक में पैसो की FD बनाते है तो कही बार बैंक के कर्मचारी या आसपास के लोग हमें सलाह देते है की आप अपने खाते में ऑटो स्वीप सेवा को लगाए जिससे आम ब्याज से ज्यादा आपको ब्याज मिलेगा। 

 

ऑटो स्वीप कहते की यहाँ बात कितनी सही और कितनी गलत आज हम आपको इस लेख में ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान के ज़रिये बताने जा रहे है। 

 

ऑटो स्वीप के अलग अलग फायदों के साथ ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान भी हमें देखने मिलते है जो की आपके वित्तीय स्थिति को थोड़ा बहोत कमज़ोर बना सकते है।

 

इस लेख में हम आपको ऑटो स्वीप खाता क्या है, यह खता कैसे काम कर करता है साथ ही आपके महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा पूछा जाने वला सवाल ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान कौन कौन से है? इन सभी बातो पर चर्चा करने वाले है।

 

 

संबधित लेख: 

 

 

अनुक्रम दिखाएँ

 

ऑटो स्वीप अकाउंट क्या है? 

 

ऑटो स्वीप अकाउंट जिसे हम आम भाषा में Sweep-In / Sweep-Out अकाउंट या स्वीप सुविधा (Sweep Accounts Service) भी कहते है, स्वीप अकाउंट सुवधा, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सेवा है जिसका इस्तेमाल ग्राहकों के भिन्न भिन्न प्रकार के खाते (बचत खता, चेकिंग खता, एफडी खता) के बिच अपने फण्ड को एक नियामक तरीके से प्रबंधित करने के लिए दी जाती है।

 

ऑटो-स्वीप अकाउंट या सेवा यह बचत खता और फिक्स्ड डिपॉजिट खता इन दोनों के लिए एक सयोजक की तरह काम करता है, इसलिए आप इस सिविधा के साथ इन दोनों खातों का लाभ एक साथ उठा सकते है।

 

इसे आसान भाषा में बताय जाये तो इस ऑटो-स्वीप अकाउंट सेवा में आपके बचत खाते को आपके फिक्स डिपॉज़िट खाते के साथ एक निर्धारित मौद्रिक सिमा के साथ राखी जाती है, और जब भी आपके बचत खाते में जमा की गई राशि उस मौद्रिक सिमा को पार करती है तब तय की गई सिमा के ऊपर की राशि स्वयंचालित तरीकेसे फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में जमा की जाती है।

 

 

 

ऑटो स्वीप सेवा कैसे काम करती है?

 

ऑटो स्वीप बैंक सुविधा आपके बचत खाते के लिए एक निर्धारित सीमा (Threshold limit) पर संचालित होती है। 

 

जब आपका बैंक खाता निर्धारित किये गए सीमा से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त राशि स्वचालित रूप से एक निश्चित जमा (एफडी) में स्थानांतरित हो जाती है।

 

इस प्रक्रिया को ‘स्वीप-इन‘ कहा जाता है.’ इसके विपरीत, यदि आपका खाता शेष राशि निकासी या भुगतान के कारण सीमा से नीचे आती है, तो आवश्यक राशि एफडी से बचत खाते में वापस की जाती है, जिसे ‘रिवर्स-स्वीप‘ कहा जाता है’

 

इस तकनीक से स्थानांतरित एफडी राशि पर साधारण ब्याज के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिल सकता है। यह सेवा भिन्न भिन्न बैंक के नियम और शर्तो के आधीन होती है।

 

 

 

टॉप 12+ ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान 

 

12+ Advantages of auto sweep service

 

ऑटो स्वीप अकाउंट सेवा हमारे वित्तीय लाभ के लिए विशेष रूप से बनाई गई है मगर Auto Sweep Account/ Service के ऐसे बहोत से नुकसान भी देखने मिलते है जिससे आपको कही सारे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान के बारे में हम आज चर्चा करने वाले है।  

 

 

 

नुकसान #1: तरलता की कमी

 

बात करे ऑटो स्वीप सेवा के ज़रिये बचत कहते में मिलने वाले ब्याज दर की तो यह साधारण बचत खाते की तुलना में ज्यादा ही रहता है, मगर ब्याज के रूप में मिले हुए धन को हम आसनी से या तुरंत हासिल नहीं कर सकते।

 

इस तरह के कमी के कारन आपको आपके अपतकनलीन परिस्थिति में ऑटो स्वीप अकाउंट के तरलता की इस कमीसे एक समस्या पैदा हो सकती है

 

 

 

नुकसान #2: जटिलता

 

साधारण बचत खता खोलना या साधारण तरीके से एफडी खता खोल कर ब्याज का लाभ उठाना यह स्वीप अकाउंट सेवा से काफी सरल होता है।

 

ऑटो स्वीप अकाउंट सेवाओं को समझने के लिए जटिल हो सकता है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो बैंकिंग शब्दावली या वित्तीय अवधारणाओं से परिचित नहीं हैं, या जिसे बैंकिंग क्षेत्र का ज्ञान नहीं है।

 

Auto Sweep Account/Service सझने के लिए आपको अतिरिक्त समय देना पड़ेंगे साथ ही आपको अच्छे वित्तीय ज्ञानी की ज़रूरत पड़ सकती है।

 

 

 

नुकसान #3: ब्याज दर में अस्थिरता

 

ऑटो स्वीप अकाउंट द्वारा किसी भी तरह के खाते में दिया जाने वाला ब्याज यह परिवर्तन के अधीन होता है इसका मतलब इस ब्याज़ दर को बार बार बदलाया जा सकता है।

 

अगर से स्वीप सेवा द्वारा जमा किये गए राशि में मिलने वाले ब्याज पर कमी आती है तो ग्राहकों को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

नुकसान #4: सिमित निवेश विकल्प

 

ऑटो स्वीप सेवाएं आमतौर पर कम जोखिम वाले उपकरणों में Fund का निवेश करती हैं, जैसे कि Fixed deposit या Money Market Fund जो की बेहद काम ब्याज दर प्रदान करते है।

 

हालांकि ये विकल्प स्थिरता प्रदान करते हैं, वे अन्य निवेश राशियों में उपलब्ध उच्च रिटर्न की क्षमता की पेशकश नहीं कर सकते हैं।

 

 

 

नुकसान #5: बैंको के नीतियों में भिन्नता

 

अलग-अलग बैंकों में ऑटो स्वीप खातों के बारे में अलग-अलग नीतियांऔर नियम होते है, जिनमें अलग-अलग सीमा सीमाएं, ब्याज दरें, एफडी का कार्यकाल और जुर्माना शामिल है।

 

भिन्न भिन्न बैंक में ऑटो स्वीप अकाउंट के अलग नियमो की वजह से आप उपयुक्त बैंक खाते का चयन करने और विभिन्न बैंकों के प्रसाद की प्रभावी ढंग से तुलना करने के लिए काफी विचलित हो सकते हो।

 

 

 

नुकसान #6: समयपूर्व निकासी पर जुर्माना 

 

ऑटो स्वीप अकाउंट के ज़रिये निर्धारित जमा (Fixed Deposit) में जमा की गई राशि को निर्धारित कार्यकाल पूरा होने से पहले निकलने पर भारी  जुरमाना देना पड़ता है, इस दंड के परिणामस्वरूप बचत खाते पर दिए गए ब्याज से कम कमाई हो सकती है।

 

 

 

नुकसान #7: खाता बंद करने पर प्रतिबंध

 

भिन्न-भिन्न बैंक या वित्तीय संस्थाओ के ऑटो स्वीप खाते को खुलंवने या बंद करने के अलग अलग नियम हो सकते है।

 

कुछ बैंक/वित्तीय संस्था ऑटो स्वीप खातों को बंद करने पर प्रतिबंध लगाते हैं, ऑटो स्वीप सेवा से जुड़े खातों को बंद करवाने के लिए एक विशिष्ट नोटिस अवधि की आवश्यकता हो सकती है या दंड के अधीन हो सकती है।

 

यदि आप ऑटो स्वीप सेवा के अधीन अपने किसी भी Account (Fixed Deposit) को बंद करवाना चाहते हो तो आपको बैंक में कही तरह के फॉर्म, दंड या वक़्त देने की ज़रूरत पड़ सकती है।

 

 

 

नुकसान #8: अतिरिक्त शुल्क पर ज़ोर

 

जिस तरह बैंक के ऑटो स्वीप अकाउंट सेवा के अपने अपने नियम होते है उसी तरह उन सेवाओं के लिए बैंक भीं भीं शुल्क भी लेती है।

 

इन शुल्क कही सारे शुल्क शामिल है Account maintenance fees, Transaction fees और अन्य service charges बैंक्स आकारती है।

 

अपने कहते में ऑटो स्वीप सेवा को अपनाने से पहले सभी तरह के शुल्क और नियम जांच ले।

 

 

 

नुकसान #9: न्यूनतम शेष आवश्यकता

 

कई बैंकों में ऑटो स्वीप खातों के लिए न्यूनतम शेष आवश्यक होती हैं, यदि आपका खाता शेष आवश्यक न्यूनतम से नीचे आता है तो आपको सेवा से वंचित किया जा सकता है।

 

इसी के साथ आपके खाते में न्यूनतम शेष होने की वजह से आपको दंड भी देना पड़ सकता है जो की बैंक या सेवा के अधीन होते है।

 

 

 

नुकसान #10: संभावित लेन-देन में देरी

 

अक्सर कही बार ऐसा देखा गया है की स्वीप खाते से धन को मुख्य खाते में वापस स्थानांतरित करने में काफी देरी हो जाती है यह कुछ घंटो से कुछ दिनों तक भी हो जाती है।

 

इसके वजह से जब आपको धन का उपयोग करने की आवश्यकता होती है तब आपको स्वीप सेवा के नुकसान भरे मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

नुकसान #11: ट्रैकिंग लेनदेन में जटिलता

 

ऑटो स्वीप सेवाओं के साथ, आपके फंड को पूर्वनिर्धारित थ्रेसहोल्ड के आधार पर विभिन्न खातों के बीच ले जाया जाता है ताकि आपको अच्छी तरह से वेरीफाई कर सके।

 

मगर इस वेरिफिकेशन के ज़रिये आपके व्यक्तिगत लेनदेन साथ ही वित्तीय गतिविधियों का स्पष्ट रिकॉर्ड देना होता है जिसके ज़रिये आपके गोपनीयता का खंडन हो सकता है।

 

 

 

नुकसान #12: असंगत ब्याज गणना

 

साधारण खातों के मुकाबले ऑटो स्वीप खातों में ब्याज गणना काफी जटिल हो सकती है, यह गणन अलग अलग बैंक की भिन्न भिन्न हो सकती है।

 

इस तरह के संभावित भ्रम या असंतोष के कारण अनुमानित उन लोगों के साथ वास्तविक रिटर्न की तुलना करना चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

 

 

 

SBI Bank में ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान

 

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है और यह बैंक अपने ग्राहको के लिए कही सारे योजनाए और सेवाएं प्रदान कराती है जिसमे से ऑटो स्वीप सुविधा है जिसका इस्तेमाल करोडो लोग करते है।

 

हालांकि, SBI में ऑटो स्वीप सुविधा का एक नुकसान है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।

 

SBI की ऑटो से स्वीप सेवा अन्य बैंकों की तुलना में कम ब्याज दर प्रदान करती है ओर यह सबसे बड़े नुकसान में से एक है।

 

उदाहरण के लिए, April 2023 तक, SBI के ऑटो स्वीप खाते पर एफडी ब्याज दर 15 महीनों के लिए 6.80% है, जबकि बचत खाते पर ब्याज दर 2.70% मिलता है।

 

इसकी तुलना में, HDFC Bank का ऑटो स्वीप खाता 15 महीने के लिए 7.10% की उच्च एफडी ब्याज दर देता है और बचत खातों पर 3% ब्याज प्रदान करता है, जोकि SBI के मुकबले ज्यादा है।

 

कुल मिलाकर, HDFC और अन्य वित्तीय संस्थाने SBI Bank की तुलना में ऑटो स्वीप सुविधा के माध्यम से उत्पन्न निश्चित जमा पर उच्च ब्याज दर प्रदान कराती है।

 

इसके अलावा HDFC और अन्य Banks द्वारा दी जाने वाली बचत खाता ब्याज दर भी SBI Bank की तुलना में थोड़ी अधिक है।

 

(Note: भविष्य में इन बचत खातों पर बैंक या संस्थाओ द्वारा दिए जाने वाले ब्याज में बदलाव हो सकता है क्युकी ऑटो स्वीप अकाउंट द्वारा किसी भी तरह के खाते में दिया जाने वाला ब्याज यह परिवर्तन के अधीन होता है)

 

 

 

Fixed Deposit और Auto Sweep FD अकाउंट में क्या फर्क है? 

 

एक नियमित Fixed Deposit और Auto Sweep FD के बिच प्रमुख लाभ और प्राथमिक अंतर देखने मिलते है।

 

अपने ऑटो स्वीप सेवा के अधीन फिक्स डिपाजिट (निर्धारित शेष) को बस एक बार चुनना होता है, जिसके बाद आपके साधारण खाते में निर्धारित सिमा से ज्यादा जमा होने वाली राशि को स्वचालित रूप से एफडी में परिवर्तित कर दी जाती है।

 

परिणामस्वरूप, आपको बार बार बैंक में फिक्स डिपाजिट में राशि निर्धारित करने के लिए अनुरोध करना नहीं होगा

 

वही एक नियमित फिक्स डिपाजिट में, आपको हर बार बैंक में एक अनुरोध करना होगा कि आप अपने अधिशेष को एफडी में बदलना चाहते हैं, साथ ही आपको एक निश्चित ब्याज दर देखने मिलेंगा जो की बैंक द्वारा निर्धारित क्या जाता है।

 

 

 

समापन

 

अगर आप ऑटो स्वीप सेवा का इस्तेमाल करने पहले इस सेवा के नियमों और शर्तों और किसी भी संबंधित शुल्क को अच्छे से समझते है तो ऑटो स्वीप सेवा आपके लिया एक लाभकारी सुविधा हो सकती है।

 

तो दोस्तों अब आपको अच्छी तरह से समझ गया होगा की ऑटो स्वीप अकाउंट क्या है? और ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान कौनसे है?

 

अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो आप हमारे इस लेख को अपने हिसाब से रेटिंग दे जो की लेख के सबसे ऊपर दी है या आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके ज़रूर बताना धन्यवाद।

 

 

संबधित लेख: 

 

 

FAQ: ऑटो स्वीप अकाउंट के नुकसान 

 

5 से 10 सालो के लिए 6.50% से 7% तक ब्याज दर मिलता है

Leave a Comment