क्या Bitcoin इंडिया में लीगल है या नहीं?⁚ भारत में बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी पर कानून

Last updated on September 23rd, 2024 at 10:22 am

आज पूरी दुनिया में इंडिया से लेकर अमेरिका तक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता और उनकी लेनदेन बढ़ती जा रही है, जिसके कारन कही सारे देशो ने बिटकॉइन को प्राथमिक डिजिटल करेंसी के रूप में अपनाया है और कही सारे देशो ने Cryptocurrency को अवैध घोषित किया है। मगर क्या इंडिया में बिटकॉइन अवैध है? यह जानने के लिए पढ़े की बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं?

 

Bitcoin ने हाल ही के कुछ वर्षो में काफी लोकप्रियता हासिल की है जिसके कारन 1$ से भी कम कीमत में मिलने वाला बिटकॉइन की कीमत $19,850.11 (₹56,96,689) तक पहोच गई थी और आज 20 लाख से 25 लाख के बिच में इसके कीमत के साथ आज बिटकॉइन दुनिया की सबसे महँगी क्रिप्टोकरेंसी मानी जाती है।

 

आज कही सारे देशो में Bitcoin के काम और स्वाभाव को समझ रहे है आवर बिटकॉइन से संबधित अलग अलग नियमावली बना रहे है। आज हम इस लेख में इंडिया में बिटकॉइन का क्या कानून है और इंडिया में बिटकॉइन वैध है या अवैध? यह सभी तरह की जानकारी पढ़ेंगे।

 

 

बिटकॉइन क्या है?: What Is Bitcoin in Hindi  

 

बिटकॉइन क्या है
बिटकॉइन क्या है

 

बिटकॉइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जिसे आप बैंक की तरह मध्यस्थ के बिना सीधे खरीद, बेच और विनिमय कर सकते हैं, बिटकॉइन दुनिया का पहला सफल विकेंद्रीकृत आभासी चलन (Decentralized Cryptocurrency) और भुगतान प्रणाली है, जिसे 2009 में एक रहस्यमय निर्माता द्वारा लॉन्च किया गया था जिसे केवल सातोशी नाकामोटो के रूप में जाना जाता है।

 

Bitcoin यह 2023 में अब एक विश्व स्तर पर कारोबार की जाने वाली एक आभासी वित्तीय संपत्ति है, जिसे अरबो डॉलर के परिमाण में मापा जाता है। बिटकॉइन का इस्तेमाल आमतौर पर मुद्रा या वस्तु के रूप में विनियमित किया जाता है, साथ ही बिटकॉइन पर हर दिन लाखो करोडो लोग ट्रेडिंग करते है।

 

जून 2021 में, अल साल्वाडोर (Central America स्थिस्त) बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अनिवार्य करने वाला पहला देश बन गया है।

 

 

 

इंडिया में बिटकॉइन क्रिप्टोक्यूरेंसी की कानूनी स्थिति 

 

बिटकॉइन मुद्रा के वैध या अवैध स्थति को जानने से पहले हम जानते है की भारत में अलग अलग तरह की मुद्राएं क़ानूनी तरीकेसे कैसे इस्तेमाल में ली जाती है।

 

किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन (Transactions) को पूर्ण करने के लिए कानूनी निविदा यानि की Legal Tender इस कनूनी माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है।

 

कानूनी निविदा स्थिति के तहत आने वाली सभी मुद्राये ऋणों (भुगतानकर्ता) के भुगतान या निपटान के लिए उपयोग करने की अनुमति देती है, कानूनी निविदा स्थिति वाली मुद्राएं सरकार द्वारा समर्थित हैं और सरकार द्वारा स्वीकार की जाती हैं।

 

जब हम बिटकॉइन या किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात करते हैं, तो हम जानते हैं कि भारत में व्यापारी वस्तुतः क्रिप्टोकरेंसी को स्थानांतरित करते हैं और उन्हें लेनदेन और निवेश के लिए उपयोग करते हैं लेकिन इसकी कानूनी निविदा स्थिति नहीं है, इसका मतलब यह है कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किसी भी प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं के बदले ऋण का निपटान करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

 

मगर भारत सरकार अच्छी तरह से जानती है कि आभासी डिजिटल संपत्ति अंतरराष्ट्रीय और भारतीय अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा है और उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर 30% का कर लगाया जाता है जिसे वर्ष 2022 भारतीय बजट में घोषित किया गया था।

 

क्रिप्टो करेंसी पर कर लगाने के बावजूद भी क्रिप्टोक्यूरेंसी का कराधान उन्हें पूरी तरह से कानूनी नहीं बनाता है यह इसलिए की सभी सीरप्टोकरेन्सी के पास अभी भी उनके काम के बारे में कोई नियम या कानून नहीं बनाये गए है।

 

क्रिप्टोकरेंसी के साथ व्यापार करने वाले लोग अभी भी भारत सरकार को इस मामले को देखने और एक बिल जारी करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिसमें भारत में Cryptocurrency के लेनदेन और Crypto Mining के बारे में सभी नियम आते है।

 

 

 

कैसे Cryptocurrency भारत सरकार के लिए समस्या हो सकती है?

 

अगर देखा जाए तो बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी के भौतिक मुद्रा और डिजिटल परिसंपत्तियों  के मुकाबले कही सारे फायदे हो सकते है मगर किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को इंडिया में लीगल/वैध करने से पहले इन बातो पर ध्यान देना होगा:

 

 

विकेंद्रीकृत प्रकृति

 

Bitcoin हो या कोई और क्रिप्टोकरेंसी वह अपने विकेंद्रीकृत प्रकृति मतलब की Decentralized Network पर आधारित होती है जो की उन्हें किसी भी प्रकार की सरकार या वित्तीय अधिकारियों से मुक्त बनाती है।

क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित लेनदेन से सरकार को उन पर नज़र रखना मुश्किल हो सकता है, जिसके वजह से Black Money का इस्तेमाल तेज़ी से होने लगता है जिसके वजह से वित्तीय संकट देश या सरकार को झेलना पड सकता है।

 

 

पारदर्शिता की कमी

 

Cryptocurrency के किसी भी तरह ने Transaction, लेनदेन में किसी भी तीसरे मध्यस्त, कोई संस्ता की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि एक जगह बैठा इंसान दुनिया के किसी भी कोने से बिटकॉइन की लेनदेन कर सकता है।

 

क्रिप्टोकरेन्सी मंच अपने ग्राहकों को सुरक्षित और जलद सेवा प्रदान करते है जिससे ग्राहक की जानकारी या लेनदेन गोपनीय राखी जाती है। प्राइवेट क्रिप्टोकरेन्सी जैसी की Dash, Monero को विशेष तौर पर उन लोगो के लिए बने जाता है जिसे अपने भुगतान की जानकारी गुपित रखीं होती है जिसे ट्रेस कर पाना ना के बराबर होता है।

 

इस तरह से क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कुछ प्रकार के अवैध लेनदेन के संचालन के लिए किया जा सकता है जिसमें कर चोरी और संपत्ति का छिपाना शामिल है। यह सरकार के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए एक चुनौती है कि राष्ट्र में किसी भी अवैध उद्देश्यों के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी का उपयोग नहीं किया जाता है।

 

 

अस्थिरत प्रकृति

 

Cryptocurrency किसी देश या संस्था के कुल बाजार संपत्ति पर निर्भर नहीं करती इनका मूल्य बेहद भिन्न और अस्थिर होता है और वे बहुत कम समय के भीतर उतार-चढ़ाव कर सकते हैं। यदि लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का निर्णय लेते हैं और कीमतों में व्यापक रूप से उतार-चढ़ाव होता है तो यह राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।

 

 

धोखाधड़ी में आसान 

 

Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी का निर्माता पूरी तरह से गुपित है आज भी हमें ये नहीं पता आखिर बिटकॉइन को बनाया किसने है या दुनिया में कुल कितने बिटकॉइन है बस हम अंदाज़ा लगा सकते है और आज भी हम इसकी सुरक्षा प्रणालियों और सुविधाओं से अवगत नहीं हैं।

 

Cryptocurrency का विकेंद्रीकृत, ट्रक ना कर पाना, सरकार या संस्था नयंत्रण ना रहने की वजह से क्रिप्टोकोर्रेंसी हैकर्स और स्कैमर्स को एक अवसर देती है।

 

पिछले कुछ वर्षो में क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये कई धोखाधड़ी और घोटाले हुए हैं और बहुत सारे व्यापारियों और निवेशकों को इसकी वजह से पैसे की हानि का सामना करना पड़ा है।

 

ये कुछ कारण हैं जिनके बारे में सरकार अभी भी सोच रही है भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी की कानूनी स्थिति और वे इसके काम को कैसे विनियमित कर सकते हैं।

 

यह कुछ बिटकॉइन के नुकसान है जिनके बारे सरकार अभी सोच रही है इसलिए भारत सरकार ने बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से लागु नहीं किया या पूरी तरह से अवैध भी नहीं किया और आज भी भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी की कानूनी स्थिति और वे इसके काम को कैसे विनियमित कर सकते है इसके बारे में विचार विनिमय कर रही है।

 

 

 

भारतीय नियम और बिटकॉइन की समय रेखा 

 

भारतीय नियम और बिटकॉइन की समय रेखा

 

दोस्तों Bitcoin यह नाम इंडिया और दुनिया के लिए के नया ही है इसलिए बिटकॉइन की भारत में शुरवात और भारत सरकार की बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकररेंसी पर नीतिया एव नियम समय-समय के हिसाब से बदलती रही है।

 

 

२००९ 
  • दुनिया के सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का निर्माण साल २००९ में सातोशी नकामोटो इस गुमनांम व्यक्ति या समूह द्वारा किया गया था। 

 

२०१० 
  • बिटकॉइन का उपयोग करने वाला पहला वाणिज्यिक लेनदेन 22 मई 2010 को हुआ था। उस दिन एक प्रोग्रामर, Laszlo Hanyecz ने दो पिज्जा खरीदने के लिए 10,000 बिटकॉइन का उपयोग करके एक शानदार खरीद की। इस लेनदेन को अब “Bitcoin Pizza Day” के रूप में जाना जाता है। 

 

 २०१३ 
  • Unicoin इस कंपनी ने सबसे पहल इंडिया में अपना Crypto Exchange मंच बनाया, जिससे भारतीयों को पहली बार क्रिप्टोक्यूरेंसी (बिटकॉइन) खरीदने / बेचने की अनुमति मिली।

 

  • इसी साल RBI ने डिजिटल ब्लॉकचेन मुद्रा के उपयोग के खिलाफ चेतावनी जारी की थी।

 

२०१७ 
  • साल 1017 के मध्य में ही बिटकॉइन में बढ़ा उछाल देखने मिलता है, ₹1,60,000 से उच्च ₹12,80,000 कीमत पर।

 

  • इसी साल  लोगो द्वारा Google Search पर Bitcoin की खोज का प्रमाण 20 गुना बढ़ गई थी।

 

  • वित्त मंत्रालय और RBI ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकररेंसी के खिलाफ चेतावनी जारी की।

 

  • क्रिप्टो से संबंधित नियामक आवश्यकता को देखने के लिए RBI, वित्त मंत्रालय और SEBI द्वारा समिति का बनाई गई।

 

  • क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दो जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई।

 

 २०१८ 
  • अप्रेल २०१८ में RBI उन सभी वित्तीय संस्थाने जो-जो बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी के साथ लेनदेन में शामिल है उन सभी को प्रतिबंध करने की घोषणा करती है।

 

  • मे २०१८ में भारत में सभी Crypto Exchange Platform बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंध लगाने के आरबीआई के फैसलों पीछे ले के लिए याचिका दायर करते है।

 

२०२० 
  • सर्वोच्च न्यायालय RBI के क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर रोक लगा देती है।

 

२०२२ 
  • 2022-2023 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्रालय ने घोषित किया की किसी भी तरह के Virtual Digital Assets (VDA) पर 30% कर लगेगा। VDA में मुख्य रूप से Cryptocurrency, Digital Gold, Central Bank Digital Currency (CBDC) आदि शामिल है।

 

 

 

क्या बिटकॉइन आभासी मुद्रा भरता में बैन हो सकती है?

 

बिटकॉइन या फिर अन्य क्रिप्टो करेंसी पर लगाए हुए कानून को मद्दे नज़र रखते हुए हमें ऐसा लगा था की हाल ही में भारत में हुए जी-20 सम्मेलन में भारत सरकार अन्य देशो के साथ मिल कर क्रिप्टी करेंसी के चलन पर बैन या रोक लगाने पर विचार करेंगी, मगर हमें क्रिप्टो करेंसी से संबधित ऐसा कोई सरकार की और ऐसा कुछ देखने नहीं मिला।

 

वर्तमान के स्थिति में अगर देखा जाए तो भारत सरकार फ़िलहाल किसी भी क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम या अन्य क्रिप्टो पर भविष्य में बैन लग सकता या नहीं इसकी सरकार ने कोई भी पुष्टि नहीं की है।

 

हाल ही में एक प्रसिद्ध न्यूज़ पोर्टल के मंच पर Wazirx के CEO Nischal Shetty ने कहा है की भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी।

 

Wazirx CEO Nischal Shetty के मुताबिक:

मैं सकारात्मक हूं कि भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाकर प्रतिगामी रुख नहीं अपनाएगा. जब नियमन की बात आती है, तो मुझे यकीन है कि भारत जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों के नक्शेकदम पर चलेगा, और अधिक जिन्होंने क्रिप्टो को अपनाया है। (हिंदी भाषा में अनुवादित)

 

 

किन किन देशो में बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी बैन है?

 

जब से बिटकॉइन ने दुनिया में कदम रखा है तब से यह एक विवादित मुद्दा रहा है जहा 2009 से 2023 तक कही सारे देशो ने बिटकॉइन को पूरी तरह से अपनाया है और कही देशो में क्रिप्टो पर नियम और कानून लागर कर पार्शियली अपनाया है।

 

मगर क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से होने वाले गैरकानूनी व्यापर, तस्करी जैसे की मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद जैसी अवैध गतिविधियों का समर्थन करने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है जिसके चलते कही सारे देशो ने बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरीकेसे से रोक या बैन लगा दिया है।

 

 

वे देश जहां बिटकॉइन पूरी तरह से अवैध और गैर क़ानूनी है। 

 

जब से बिटकॉइन ने दुनिया में कदम रखा है तब से यह एक विवादित मुद्दा रहा है जहा 2009 से कही सारे देशो ने बिटकॉइन को पूरी तरह से अपनाया है और कही देशो में क्रिप्टो पर नियम और कानून लागर कर पार्शियली अपनाया है।

 

मगर क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से होने वाले गैरकानूनी व्यापर, तस्करी जैसे की मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद जैसी अवैध गतिविधियों का समर्थन करने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है जिसके चलते कही सारे देशो ने बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो पर पूरी तारिक से रोक या बैन लगा दिया है।

 

बिटकॉइन पर रोक लगाने वाले देशो की सूचि:

 

  • Qatar
  • Saudi Arabia
  • China
  • Algeria
  • Morocco
  • Bangladesh
  • Nepal
  • Egypt
  • Bolivia

 

 

संबधित लेख 

 

 

 

समापन

 

बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी आज भी भारत जैसे देशो में अपना पूरी तरह से भरोसा हासिल नहीं किया है, इसलिए भविष्य में बिटकॉइन क़ानूनी तौर पर भारत पूरी तरह से अपनायेगा या नहीं ये देखने वाली बात है। 

 

तो दोस्तों अब आपको अच्छी तरह से समझ गया होगा की बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं? और किस तरह भारत और अन्य देशो में बिटकॉइन के चलन पर किस तरह के नियम, कानून और टैक्स होते है। 

 

अगर आपको हमारा यह लेख Bitcoin India Me Legal Hai Ya Nahi पसंद आया हो या आपका कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट करके पूछ सकते हो। 

 

 

 

FAQ: बिटकॉइन इंडिया में लीगल है या नहीं

 

 

१. बिटकॉइन को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश कौन है?

  • एल साल्वाडोर 

 

२. बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दूसरा देश कौन सा है?

  • सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक 

 

३. इंडिया में बिटकॉइन पर कितना टैक्स लगता है?

  • 30% कर भुगतान

 

४. क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग इंडिया में लीगल है?

  • हां इंडिया में बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करना क़ानूनी है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि भारतीय नागरिकों को 2020 में एक फैसले में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने की अनुमति दी गई है।

 

५. क्रिप्टो में निवेश कैसे करें?

  • किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए सबसे आसान तरीका यानि Crypto Exchange Platform उदा. Coin DCX, Coinswitch और भी।

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