क्रिप्टो माइनिंग क्या है और बिटकॉइन माइनिंग काम कैसे करती है?

Last updated on May 24th, 2024 at 07:41 pm

दोस्तों जैसे की आपने हमारे इस वेबसाइट के लेख से जाना की बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? और क्रिप्टो करेंसी या फ्री मेंबिटकॉइन कैसे और कहां से खरीदें? लेकिन अब आप जानना चाहते हैं कि  आखिर क्रिप्टो माइनिंग क्या है? या बिटकॉइन माइनिंग क्या है?

 

तो आप इस बार भी बिल्कुल निश्चित रहे क्योंकि आज के इस पूरे लेख में हम क्रिप्टो माइनिंग से जुड़ी पूरी जानकारी देने वाले है।

 

जब भी क्रिप्टो करेंसी की बात आती है तो हमें इन से जुड़ी कई सारी बातें सुनने को मिलती है जैसे कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्रिप्टोकरंसी माइनिंग,और भी  लेकिन कई लोग इन नामों को तो जानते हैं।लेकिन इनके बारे में नहीं जानते कि आखिर यह काम कैसे करती है। 

 

साल 2022 और 2021 यह दोनों  सालो में इंटरनेट, सोशल मीडिया, समाचार सभी तरह क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन यह नाम ही सुनाने को मिलते आरहे है,और  साधारण लोग भी CoinSwitch App और इस तरह की कही ऐप्स के ज़रीरे रोज़ाना ऐप्स को खरीद ते है और बेचते है। 

 

 भारत के ज्यादा तर लोगो क्रिप्टो करेंसी को किसी वेबसाइट या ऐप्स के ज़रिये खरीदना या बेचना तो आता है मगर उसे माइनिंग करके कामना नहीं आता इसलिए आज हम आपको क्रिप्टो माइनिंग से जुडी थोड़ी बहोत जानकारी देने जा रहे है। 

 

जिसके मदत आपको क्रिप्टो माइनिंग को जान सकेंगे और वे किस तरह की जाती है इसके खोज में लग जायेगे और खुद की क्रिप्टो मिंग करे पाएंगे। 

 

तो चलिए दोस्तों आज के लेख में हम जानेगे की क्रिप्टो माइनिंग क्या है? या बिटकॉइन माइनिंग क्या है? यह तकनीक कैसे काम करती है? ऐसे और भी बहोत कुछ। 

 

 

 

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क्रिप्टो माइनिंग क्या है? 

 

 

crypto ming kaise karate hai

 

 

हमारी धरती पर जो सोना और चांदी है धरती और पहाड़ों से खोदकर निकाला जाता है जिसे माइनिंग कहा जाता है और बिल्कुल इसी तरह कोयला भी माइन किया जाता है। 

 

अगर आप रुपए और डॉलर को देखें तो उसे भी Mint किया जाता हैं यानी छापे जाते हैं और ठीक उसी तरह क्रिप्टोकरंसी को भी जब बनाया जाता है तो उसे मिनटिंग या माइनिंग कहते हैं?

 

लेकिन क्रिप्टो करेंसी को माइन करना इतना आसान काम भी नहीं है कि हमने प्रिंटिंग और पेपर लगा दिया और बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी बनकर तैयार हो गई  क्योंकि क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो इसे माइन करना थोड़ा मुश्किल और जटिल  होता है। 

 

दोस्तों जब माइनिंग होती है तब उस वक्त तीन चीजें हो रही होती है जैसे जब कोई व्यक्ति अपने कंप्यूटर और हार्डवेयर की मदद से जब एक माइनिंग सॉफ्टवेयर रन कर रहा होता है और माइनिंग सॉफ्टवेयर सभी क्रिप्टोकरंसी के अलग-अलग आते हैं क्योंकि सभी क्रिप्टोकरंसी के कोड अलग-अलग प्रकार के होते हैं। 

 

इसलिए जब कोई माइनर किसी क्रिप्टो करेंसी को माइंड करने की कोशिश करता है तब उस वक्त एक समय में एक साथ कई लोग उस क्रिप्टोकरंसी को माइन करने की कोशिश करते हैं जिसमें एक समय में से कोई एक व्यक्ति ही सफलता पूर्वक माइन कर सकता है। 

 

हम कितने और कितने गति से क्रिप्टो करेंसी माइन कर पाते है यह कंप्यूटर के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, बजली, इंटरनेट पर निर्भर होता है। 

 

मीनिंग के इस जटिल क्रिया में हर एक समय ब्लॉक माइन होता है और ब्लॉक के बारे में हमने नीचे विस्तार में बताया है सीधे तौर पर हर एक ब्लॉक बनने में 10 मिनट का समय लगता है और जब भी एक ब्लॉक माइन किया जाता है तब कुछ नए क्रिप्टो करेंसी/बिटकॉइन बनते हैं। 

 

तीसरी चीज जब भी आप किसी भी क्रिप्टोकरंसी को किसी को भेजते हैं तो उसे भेजने के लिए कोई कंपनियां या कोई संस्था नहीं होती है इसलिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी की ट्रांजैक्शन के लिए क्रिप्टो माइनर की मदद लेनी पड़ती है। 

 

जैसा कि आपने किसी को 10 बिटकॉइन भेजें तो उस बिटकॉइन को दूसरे व्यक्ति के वॉलेट तक पहुंचाने का काम क्रिप्टो माइनर का होगा जिसके बदले उस क्रिप्टो माइनर को उस 10 बिटकॉइन के सफलतापूर्वक ट्रांजैक्शन के लिए एक बिटकॉइन तक का रिवार्ड के रूप में मिलेगा।

 

 

 

 

क्रिप्टो माइनिंग किस लिए की जाती हैं?

 

 

दोस्तों क्रिप्टो माइनिंग किस लिए की जाती है इसे हम एक छोटा सा उदाहरण से समझ सकते हैं, जैसे कि हम किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक खाते में पैसा भेजते हैं तो वन पर्सन इस व्यक्ति के सीधे अकाउंट में जाने से पहले उसके बैंक के पास संबधित राशि की रिक्वेस्ट जाती है। 

 

बैंक में काम कर रहे कर्मचारी उस रिक्वेस्ट को प्रोसेसिंग करते हैं और उसके बाद सही एड्रेस और सही बैंक खाता चुनकर उस बैंक अकाउंट होल्डर के खाते में पैसा ऐड कर देते हैं और इसके लिए बैंक पैसा भेजने वाले यूजर से कुछ पैसा अपनी मुताबिक चार्ज करता है।

 

बिल्कुल इसी तरह क्रिप्टोकरंसी माइनिंग भी लग भाग इसी तरह काम कराती है हालांकि इसे बैंकिंग सिस्टम से थोड़ा अलग और बेहतर बनाया गया है क्योकि बैंक में हुए हमारे पैसे से ट्रांजैक्शन की सभी रिकॉर्ड रखी जाती है। 

 

लेकिन वही जब हम किसी को कोई क्रिप्टोकरंसी भेजते हैं तो उसकी कोई भी जानकारी रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए कोई भी ऐसा सिस्टम नहीं बनाया गया है और क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन के लिए ब्लॉकचेन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है जो पूरी तरह से End to End Encrypted होता है।

 

सीधे तौर पर अगर बात करें तो क्रिप्टो करेंसी माइनिंग इसलिए की जाती है क्योंकि क्रिप्टोकरंसी लिमिटेड क्वांटिटी में बनाए जाते हैं इसलिए उन्हें खनन करने के लिए मैथमेटिकल कैलकुलेशन की जरूरत पड़ती है क्योंकि यह अपने आप नहीं हो सकती है इसलिए क्रिप्टो माइनर्स ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करके क्रिप्टो करेंसी कि माइनिंग करते हैं

 

 

 

 

क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं?

 

क्रिप्टो माइन करना कोई आसान और साधारण काम नहीं है हालांकि यह प्रोसेस ऑटोमेटिक काम करने के बावजूद भी सबसे ज्यादा समय और पावर कंज्यूम कराती है।

 

क्योंकि क्रिप्टो माइंन करने के लिए स्पेशली कंप्यूटर और कुछ मशीनों की जरूरत पड़ती है तो क्रिप्टो के ब्लॉक चैन सिस्टम में सभी कंप्यूटर आपस में जुड़े हुए रहते हैं जिस वजह से आपको क्रिप्टो माइन करने के लिए तेज प्रोसेसिंग वाले कंप्यूटर के इंटरकनेक्टेड जाल की जरूरत पड़ेगी जिसे माइनिंग रिंग कहा जाता है। 

 

 इस माइनिंग रिंग में ASI (APPLICATION SPECIFIC INTEGRATED CIRCUITS) लगा होता है जो माइनिंग रिंग के पूरे पावर को कंप्यूटर के सभी फालतू को  कामों को छोड़कर सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टो माइन करने के तरफ डायवर्ट करता है

 

अगर इस एक माइनिंग रिंग की कीमत की बात करें तो सिर्फ एक माइनिंग रिंग की कीमत ₹1,00,000+ तक हो सकती है जिसे सिर्फ एक ही कंप्यूटर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है वहीं अगर आप 10 कंप्यूटर के लिए माइनिंग रिंग लगाना चाहते हैं इसके लिए आपको ₹10,00,000 की जरूरत पड़ेगी

 

ऊपर से यह महंगे होने के साथ-साथ यह समय-समय पर खराब भी होते रहते हैं क्योंकि इन्हें 24 घंटे इलेक्ट्रिसिटी के साथ चलाया जाता है जिस वजह से यह ज्यादा दिन टिक भी नहीं पाते और उसे समय-समय पर अपडेट करते रहना पड़ता है। 

 

इसी तरह से इन सभी सिस्टम को मिलाकर एक क्रिप्टोमीनिंगफार्म बन जाता है।

 

बात आती है की कोई भी कंप्यूटर क्रिप्टो माइन कैसे करते हैं तो इसका आसान सा जवाब ये की जब भी एक ब्लॉक को डिकोड किया जाता है तो उसके आगे वाला ब्लॉक उससे कहीं ज्यादा हार्ड होता है जिसे डिकोड करना बेहद ही मुश्किल होता है और साथ ही अगले वाले ब्लॉक में पिछले वाले ब्लॉक के आधे क्रिप्टो ही मिलते हैं।

 

हालांकि क्रिप्टो माइनिंग करने का एक और तरीका होता है जिसे क्लाउड माइनिंग कहा जाता है यानी कि हार्ड डिस्क और कंप्यूटर किसी और का लेकिन यहां बैठे बैठे तो माइनिंग आप करेंगे जिसमें से ही रिवार्ड आपको मिलेगा जिसका कुछ हिस्सा आप क्लाउडिंग कंपनी को देंगे जिसमें कोई बुरी बात नहीं है। 

 

जहां आप खुद हार्डवेयर और कंप्यूटर और इलेक्ट्रिसिटी पर पैसा इन्वेस्ट करेंगे वही आपको इतना तामझाम किए बिना बना बनाया चीज आपको मिल जाएगा और आप बैठे बैठे क्लाउड माइनिंग के जरिये भी क्रिप्टो माइन करके पैसे कमा सकेंगे।

 

 

 

अगर आप भी क्रिप्टोकरंसी माइनिंग करते हो तो आप माइनिंग कर के भी अच्छा खासा पैसा कमा सकते हो और क्रिप्टोकरंसी माइन करना भी कोई रॉकेट साइंस नहीं है बस थोड़ी बहुत इंटरनेट पर सर्च करके क्रिप्टोकरंसी माइन करने के बारे में सीख सकते हो और हम भी इसके ऊपर एक पूरा सेपरेट आर्टिकल लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

 

 

 

बिटकॉइन माइनिंग क्या है?

 

 

bitcoine mining kya hai

 

दोस्तों जैसा कि बिटकॉइन के बारे में आप लोग जानते हैं की बिटकॉइन भी एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है तो क्रिप्टोकरंसी के लिस्ट में बिटकॉइन भी आता है जिस तरह से बाकी की क्रिप्टोकरंसी को माइनिंग किया जाता है बिल्कुल उसी तरह से बिटकॉइन को भी माइन किया जाता है। 

 

बिटकॉइन यह  दुनिया की सबसे महँगी क्रिप्टो करेंसी मानी जाती है इसलिए बिटकॉइन सबसे ज्यादा माइन किया ज्यादा है एयर ही ऊपर दिए है जटिल क्रिया से बिटकॉइन को माइन किये जाता है। 

 

अगर बात करें बिटकॉइन की तो बिटकॉइन को भी एक लिमिटेड क्वांटिटी में बनाया गया है यानी कि बिटकॉइन सिर्फ 21 मिलियन तक ही बनाए जा सकते हैं जिसमें से अब तक 18 मिलियन बिटकॉइन ही माइन किया किये जा चुके है। अगर कुछ एक्सपर्ट की माने तो उनके कहने के मुताबिक 800 बिटकॉइन हर रोज माइन किये जाते है। 

 

 

 

ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी क्या है?

 

 

blockchain technology kya hai

 

दोस्तों ऊपर के लेख में तो आपने पढ़ा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा ही क्रिप्टोकरंसी को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है और कैसे क्रिप्टो माइनर की मदद से क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग करते हैं चलिए इसे सरल भाषा से समझते हैं। 

 

जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को क्रिप्टोकरंसी भेजता है तो वह ट्रांजैक्शन की जानकारी इंक्रिप्टेड के फॉर्म में कंप्यूटर के पास जाती है जिनके जरिए क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन को कंप्लीट किया जाता है और इसे डिस्ट्रीब्यूटर लेजर में शामिल किया जाता है 

 

यह सारे ट्रांजैक्शन एक ब्लॉक में जाकर दर्ज होते है और उस पर ब्लॉक की साइज तकरीबन 1 एमबी की होती है और एक नया ब्लॉक बनाया जाता है जब सारे ब्लॉक एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं तब एक ब्लॉकचेन का निर्माण होता है इसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहा जाता है, और यह सारी प्रक्रिया एक ट्रांजैक्शन में ही होता है। 

 

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से सबसे पहले इस बात का पता है लगाया जाता है कि जो बिटकॉइन भेजने वाला व्यक्ति है तो क्या उसके वॉलेट में इतने बिटकॉइन है या नहीं और यह बात भी जान ली जाती है कि उसे वह बिटकॉइन कहां से मिला तभी जाकर उसके वॉलेट से कितने बिटकॉइन कटकर दूसरे व्यक्ति के वॉलेट में ऐड किया जाता है।

 

यह सभी जानकारी इंक्रिप्टेड के रूप में ब्लॉक में होती है जिन्हें डिकोड कर माइनर अपने कंप्यूटर और हार्डवेयर का इस्तेमाल कर पेमेंट सक्सेसफुल करवाते हैं इन्हीं पेमेंट इंफॉर्मेशन को कंप्यूटर के हार्डवेयर में रखने के लिए और उसे पूरे समय चलाते रहने के लिए अधिक बिजली और हाय पावरफुल कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है।

 

 

 

 

क्रिप्टो माइनिंग इन इंडिया

 

जैसा कि हम सभी भारत से हैं तो हमारे मन में एक बात आती है कि क्या हम भारत में रहकर बिटकॉइन की माइनिंग कर सकते हैं क्या??

 

अगर मैं सीधे तौर पर इसका जवाब दूं तो भारत में क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से वैध नहीं है और इसीलिए भारत में क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग करना भी गैर कानूनी है यानी कि अगर आपको सरकार क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग करते पकड़ लेती है तो हो सकता है कि आपके ऊपर जुर्माना के साथ-साथ आप को जेल पड़ सकती है।

 

क्योंकि अगर आप बिटकॉइन की माइनिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको विदेशों से मशीनें कंप्यूटर हार्डवेयर बनाने की जरूरत पड़ेगी और ऐसा तभी मुमकिन है जब सरकार क्रिप्टोकरंसी को भारत में लीगल करेंगी। 

 

इसलिए मेरी सलाह माने तो और कई सारे एक्सपर्ट की सलाह मानी तो भारत में क्रिप्टोकरंसी जब तक लीगल ना हो जाए तब तक आप को क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग से बचना चाहिए हां अगर आप किसी क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग करते हो तो इसमें कोई समस्या नहीं है

 

अगर आप क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग करना ही चाहते हैं तो कुछ ऐसी कंपनी है जो अपनी वेबसाइट के थ्रू आपको क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग करने की सुविधा देती है जिसमें हार्डवेयर और सभी मशीनें और बिजली उस कंपनी की रहेगी और आप अपने कंप्यूटर के जरिए क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग कर सकते हैं। 

 

 

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समापन 

 

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि आज का हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा आज के लिए हमने आपको बताया है कि क्रिप्टो माइनिंग क्या है? बिटकॉइन माइनिंग क्या है? और क्रिप्टो माइनिंग इन इंडिया से जुड़ी कई सारी जानकारियां ही आपको दी है।

 

अगर आप क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन और ट्रेडिंग से जुड़ी और भी इंफॉर्मेशन जानना चाहते हैं तो आप हमारे वेबसाइट पर दिए गए इनके और भी कई सारे लेख पढ़ सकते हैं और हम आगे भी इन सभी चीजों से जुड़ी जानकारियां आप तक पहुंचाते रहेंगे। 

 

आप इन सभी जानकारियों को मिस नहीं करना चाहते तो आप हमारी इस वेबसाइट को अपने ब्राउज़र के बुक में सेव कर सकते हैं

 

साथ ही अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो और इनफॉर्मैटिक लगा हो तो आप अपने जरूरतमंद दोस्त और परिवारों के साथ भी साझा कर सकते हैं हमारा लेकिन जहां तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। 

 

जय हिंद जय भारत

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