What Is Operating System In Hindi (OS) ? | व्याख्या प्रकार और कार्य

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What is Operating System In Hindi
What is Operating System In Hindi

 

what is Operating system in hindi: ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से आज की दुनिया को डिजिटल दुनिया कहा जाता है, क्यूकी आज के ज़माने में ज्यादा तर काम हम कंप्यूटर से करते है। 

 

बात करे इंटरनेट के इस्तेमाल करने की अलग अलग उपकार चलने की या फिर ऐसे सारी बाते जो इंसानो का काम आसान करे और यही कामो को आसान बनाने में सबसे बड़ा योगदान इन डिजिटल उपकरणों का ही है। 

 

आज जितने भी स्मार्टफोन्स ,कंप्यूटर और टीवी इत्यादि  है वो हमें अलग अलग ऑपरेटिंग सिस्टम पे चलते दिखाई देते है ।

 

मगर क्या अपने कभी सोचा आखिर ये ऑपरेटिंग सिस्टम है क्या? | What is operating System in Hindi? और यह चीज़ कैसे काम करती है?  (How work Operating System in Hindi) और किस तरह से आज के ज़माने में हमें बहोत आसान और सरल तरीकेसे विकसित ऑपरेटिंग से कोई भी लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर सकते है।  

 

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ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम (what is Operating system in hindi) कंप्यूटर के उपयोगकर्ता और कंप्यूटर Hardware के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण प्रदान करना है जिसमें एक उपयोगकर्ता एक सुविधाजनक और कुशल तरीके से कार्यक्रमों को निष्पादित कर पाए।

 

ऑपरेटिंग सिस्टम एक तरह का सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर Hardware को मैनेज करता है। कंप्यूटर सिस्टम के सही संचालन को सुनिश्चित करने के लिए Hardware को उचित तंत्र प्रदान करने के लिए और प्रोग्राम को सही संचालन करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है। 

 

अगर ऑपरेटिंग सिस्टम | Operating System In Hindi को हम आज के मॉडर्न ज़माने के कंप्यूटर और अलग अलग तरह के उपकरणों के साथ जोड़े तो इसे अच्छी तरह से समझने के लिए हमें आज के सदी में बनाने वाले Computers के बनावट और नियत्रण पर ध्यान देना पड़ेगा।

 

इसमें कंप्यूटर में सबसे बड़ा योगदान CPU का होता है (Central Processing Unit)  साथ ही साथ मेमोरी ,इनपुट और आउटपुट डिवाइस इस तरह के बाकि पुर्जे जो कंप्यूटर में विशेष रूप से काम आते है। ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यही होती है की कम्प्यूटर्स के इन सरे पुर्ज़ो को अपने काम के हिसाब से बाटना। और इन्हे नियत्रित करना ।

 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास

 

 

साल १९४० जब इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर जहां पहली बार पेश किए गए थे। वे बिना किसी ऑपरेटिंग सिस्टम के बनाए गए थे। इन इलेट्रॉनिक्स कंप्यूटर में सभी प्रोग्रामिंग मशीन के मूल कार्यों को नियंत्रित करने के लिए अक्सर Plug Bord  को तार करके पूर्ण मशीन भाषा में किया गया था। इस पीढ़ी के दौरान कंप्यूटर का उपयोग आम तौर पर सरल गणित गणनाओं को हल करने के लिए किया जाता था।  उस वक़्त ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता नहीं थी।

 

दुनिया की पहली ऑपरेटिंग सिस्टम १९५० के  शुरुआत में पेश की गई था।  इसे GMOS कहा जाता था और इसे जनरल मोटर्स द्वारा IBM की मशीन 701 के लिए बनाया गया था। १९५०  में ऑपरेटिंग सिस्टम को सिंगल-स्ट्रीम बैच प्रोसेसिंग सिस्टम कहा जाता था क्योंकि इस तरह से सिस्टम में  डेटा समूहों में प्रस्तुत किया गया था।

 

इन ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating system in Hindi) पे चलने वाली नई मशीनों को Menframe कहा जाता था। और इनका उपयोग बड़े कंप्यूटर कमरों में पेशेवर ऑपरेटरों द्वारा किया जाता था। इन मशीनों पर उच्च मूल्य का टैग था।  इसलिए केवल सरकारी कार्यालय।  बड़े कंपनियों में ही इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले मशीनों का इस्तेमाल किया जाता था। 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम का क्या उद्देश्य है?
Windows OS By Microsoft 

 

साल १९६० के अंत तक हमें ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) काफी विकसित  रूप में देखने मिली। जिसमे पहले जहा एक कंप्यूटर एक ही काम कर पता था वहा  इस दौर में हम कंप्यूटर के माध्यम से अलग कार्य करवाने में सक्षम रहे। जिससे उस वक़्त के कम्प्यूटर को मल्टी प्रोगरामिंग कंप्यूटर (Multi Programming Computers) कहा जाता था। इस दौरान हमें Microcomputer भी देखने मिले जिसने उस वक़्त कंप्यूटर के विकास में एक नई  क्रांति भी आई । और इसी दौर के बाद हमें कम्प्यूटर्स वयक्तिगत रूप से भी देखने मिले। 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम की चौथी पीढ़ी ने  यानि के १९७० के दशद में हमें  व्यक्तिगत कंप्यूटिंग का निर्माण देखने मिला था  और  यही से हमें छोटे बड़े पैमाने में घरो में Persional Computer देखने मिले थे। इस दशत में हमें व्यक्तिगत कम्प्यूटर बड़े किफायती दामों में मिलने लगे और बहोत से लोग इसे लेने भी लगे थे व्यक्तिगत कंप्यूटिंग के निर्माण में प्रमुख कारकों में से एक माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम जिसे बिल गेट्स की और से बनाया गया था। 

 

विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) 1975 में बनाया गया था। जब पॉल एलन और बिल गेट्स के पास व्यक्तिगत कंप्यूटिंग को अगले स्तर पर ले जाने की दृष्टि थी। उन्होंने 1981 में MS-DOS की शुरुआत की।  हालांकि यह प्रभावी था कि इसने उन लोगों के लिए बहुत कठिनाई पैदा की जिन्होंने इसके गुप्त आदेशों को समझने की कोशिश की।

 

 Windows 95, Windows 98, Windows XP (जो की दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है ) और उनके नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम Windows 7 और Windows10 . माइक्रोसॉफ्ट के  रिलीज के साथ Windows ऑपरेटिंग सिस्टम आज टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल किया जाने वाली  सबसे बडी ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) बन गई  है। इससे ये पता चलता है की Windows Operating System Kya Hai 

 

१९८०  के दशक में बनाया गया दूसरा प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम  हमें एप्पल (Apple ) की तरफ से देखने मिला था । Apple के  संस्थापक स्टीव जॉब्स ने Apple Macintosh जो की विंडोज के मुकाबले थोड़ा महंगा तो था मगर वह काफी अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज था औरWindows ऑपरेटिंग सिस्टम के बाद  की दूसरी सबसे बड़ी और सबसे सफल ऑपरेटिंग सिस्टम बन गई थी ।  

 

आगे के सालो में हमें ज्यादा तर Windows और Apple के ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ऐसी बहोत सी ऑपरेटिंग सिस्टम देखने मिली थी (लिनक्स, डोस, उबंटू और कही ) मगर वह उतनी ज्यादा सफल नहीं रही।

 

 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार  

 

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi ) अलग अलग कामो के लिए अलग अलग तरह से बनाई जाती है।  उसी तरह से ऑपरेटिंग सिस्टम के हमें कुछ प्रकार देखने मिलते है जिससे हम हमारे बहोत से  भिन्न प्रकार के काम अलग अलग  तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके कर सकते है। इसमें जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते है हम उन्हें देखेंगे। 

 

  • बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System)
  • टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multitasking / Time Sharing Operating System)
  • डिस्ट्रब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System)
  • नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System)
  • रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System) 

 

 

बैच ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System in Hindi)

 

यह ऑपरेटिंग सिस्टम शुरवाती दौर मर  बहोत इस्तेमाल किया जाती  थी । इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम सीधे कंप्यूटर से इंटरैक्ट नहीं होती थी । बल्कि इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में अगर हमें कोई काम करना होतो हमें एक तरह के पंच कार्ड  या फिर पेपर टेप का इस्तेमाल करना पड़ता था।

 

इसी पेपर टेप में हमारा डेटा  अपलोड करके जिस कंप्यूटर पे यह सिस्टम रन हो वह देना पड़ता था।  वह हमारे पंच कार्ड को कुछ अलग कामो के हसाब से बाटा जाता था। और यही बैच CPU में प्रोसेस होकर हमें उस डटा का रिजल्ट मिलता था।  इस तरह के उस ज़माने में OS की सबसे बड़ी दिक्कत ये थी यह  थी की  एक वक़्त में सिर्फ एक ही तरह का काम कंप्यूटर कर पता था  पता था। 

 

 

डिस्ट्रब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम ( Distributed Operating System In Hindi )

 

Distributed Operating System इसके नाम से हमें इस ऑपरेटिंग सिस्टम का काम पता चल जाता है। इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में हमें अलग अलग  मशीन  अलग जगह जगह  देखने मिलती है। यानि की उसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाली अलग अलग Hardware के मशीन अलग अलग जगह देखने मिलती है। इसमें हम एक ही तरह के Operation को अलग अलग जगह रहकर अलग मशीनों पर पूरा कर सकते है। 

 

 

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Network Operating System In Hindi)

 

यह ऑपरेटिंग सिस्टम भी काफी हद तक Distributed Operating System की तरह ही होती है जिसमे अलग अलग तरह के कम्प्यूटर्स अलग अलग जगह Distributed होते है। यह यह सारे Computer एक नेटवर्क से कनेक्ट होते है जहा सभी के एक नेटवर्क से कनेक्ट होने से प्रोसेसिंग पावर काफी ज्यादा होती है 

 

 

टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System In  Hindi)

 

इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में एक से ज्यादा Operations वाला कोई भी काम होतो यह सिस्टम उन कामो को एक सामान वक़्त में बाटके एक जैसे ही काम कर पति है। इसमें जिस ओप्रशन को जितना वक़्त देना होता है उतना वक़्त ऑपरेटिंग सिस्टम उस ओप्रशन को देती है फिर अगले प्रोग्राम पर जाती है।  इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में हमें रेस्पॉन्स टाइम बहोत अच्छा मिलता है। यहाँ पर CPU के Execution का वक़्त हमें बेहद कम देखने मिलता है। 

 

 

रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real-Time Operating System In Hindi) 

 

हमें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम देखा है की ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर से सीधे कभी इंटेररेक्ट नहीं करता मतलब की कंप्यूटर को दी हुए कोई भी काम के रिजल्ट का कोई फिक्स टाइम नहीं रहता है।  मगर इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम में हमेंऑपरेशन का एक्सिक्यूशन  तुरंत देखने मिलता है।

 

हमें जिस वक़्त जितने वक़्त में  रिजल्ट चाहिए वो उतने ही वक़्त में यानिकी  तुरंत ही रिजल्ट देता है।  इसमें हमें हार्ड रियल टाइम और सॉफ्ट रियल टाइम इस तरह के दो प्रकार देखने मिलते है। इस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल मिसाइल सिस्टम, ट्रैफिक, रोबोट्स  इत्यादि में देखने मिलता है 

 

इस तरह के कही सरे ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार हमें देखने मिलते है जो अलग अलग उपकरणों के लिए इस्तेमाल किये जाते है। 

 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम की सेवाएं और फंक्शन 

 

पुराने ज़माने में आने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम बहोत जटिल किस्म के होते उन्हें कंट्रोल करना बहोत कठिन होता था मगर आज के ज़माने में हम कोई भी कंप्यूटर या लैपटॉप या फिर स्मार्टफोन  बहोत सरल और आसान तरीके से इस्तेमाल कर सकते है  उसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को कंप्यूटर इस्तेमाल करने के  लिए जिस तरह आसान  सेवा देती है जोकि काफी आसान भी रहती हैऔर कम वक़्त हम कम्प्यूटर से हमारा काम कर  सकते है ऐसे  ही कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम की तरफ से आने वाली सेवाएं जिसे इस्तेमाल करके यूजर को काफी अच्छा अनुभव मिलता है। 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System Hindi ) की सबसे बैसक सर्विस यह होती है की किसी भी प्रोग्राम को एक्सीक्यूटे होने के लिए अच्छी तरह का एनवॉरमेंट बनाना,  उसके बात  किसी भी यूजर को कोई भी प्रोग्राम बहोत ही आसानी सेऔर  कनविनियन तरीकेसे एक्सीक्यूट करवाके देना। 

 

इस तरह के  काफी सेवाएं हमें ऑपरेटिंग सिस्टम की तरफ से देखने मिलती है। जैसी की प्रोग्राम एक्सीक्यूटे करना, कप्म्यूटर सिस्टम इनपुट और आउटपुट देना, फाइल सिस्टम मेनपुलेशन (File  System Manipulation ) करवाना, कमुनिकेशन  करवाना, एरर डिटेक्शन करवाना ,रिसोर्स अलोकेशन , साथ ही साथ हमारे डेटा को, प्रोग्राम  को प्रोटेक्शन देना इस तरह के कही सारी सेवाएं हमें ऑपरेटिंग सिस्टम की तरफ देखने मिलती हुई। 

 

 

 

2023 की सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम  

 

आज यानि के 2023 साल में हमें कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन्स में काफी अच्छी और विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम देखने मिलती ही, बात करे कंप्यूटर की तो दुनिया सबसे ज्यादा विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम | Operating System In Hindi  पर चलने वाले कम्प्यूटर्स या लैपटॉप्स का लोग इस्तेमाल  करते है। 

 

यह ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर्स में इस्तेमाल होने वाली दुनिया की पहले पायदान की कंपनी मानी जाती है, इसका सबसे प्रमुख कारण ये है की इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले लैपटॉप्स या कम्प्यूटर्स हमें बहोत किफायती कीमत में मिल जाते है। 

 

Android Operating System In Hindi
Android OS By Google

 

वही दूसरे पायदान पर एप्पल ( Apple ) की तरफ से आने वाला MAC ऑपरेटिंग सिस्टम जोकि हमें सिर्फ एप्पल के ब्रांड के अंदर आने वाले लैपटॉप्स और कम्प्यूटर्स में दिखाई देती  है, दुनिया में बहोत काम लोग Mac Operating System पे चलने वाले लैपटॉप या कम्प्यूटर्स का इस्तेमाल करते है इसका मुख्या कारन इन कम्प्यूटर्स की कीमते, इन कम्प्यूटर्स की कीमत विंडोज के मुकाबले बहोत ज्यादा होती है। 

मगर बात करे इसके परफॉरमेंस की तो मैक ऑपरेटिंग सिस्टम (Mac Operating System) हमेशा ही विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows Operating System in Hindi) से आगे रही है।

 

इन दोनों के अलावा गूगल की तरफ से आने वाला एंड्राइड (Android Operating system in Hindi)  क्रोम बुक में देखने मिलता है,साथ ही साथ लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल अप्प्स डेवलप्मेंट के लिए किया जाता है मगर लोग इसे इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद नहीं करते। 

 

इसके अलावा बात करे  स्मार्टफोन्स  की तो दुनिया में सबसे ज्यादा  लोग एंड्राइड (Android) ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) पे चलने वाले स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करते है साथ ही साथ एप्पल (Apple ) की तरफ से हमें IOS ऑपरेटिंग सिस्टम देखने मिलती है जो की Apple के iPhones  में आती है। इस तरह के ऐसे भी काफी ऑपरेटिंग सिस्टम है जो मोबाइल फ़ोन्स इस्तेमाल की जाती है जैसे की Kai Os, Blackberry OS, Symbain  OS और भी।  

 

 

 

ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम 

 

कही बार अलग अलग क्षेत्र के लोग या अलग अलग देश के लोग Operating System को अलग अलग नाम से बोलना पसंद करते है जिसमे से कुछ नाम हमें निचे दिए हुए है। 

 

  • Program System 
  • Steering System 
  • Operating Program 
  • OS 
  • System Software

 

 

निष्कर्ष 

 

आज बेहतर ऑपरेटिंग सिस्टम  की वजह से ही हम बहोत से काम आसानी से कर पाते है, कम्प्यूटर्स की ऐसी जटिल भाषा को हम अपनी भाषा में समझ पाते है, पुराने ज़माने हमें  एक ही तरह की ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi ) देखने मिलती थी मगर आज ऑपरेटिंग  सिस्टम के अलग अलग प्रकार और उनके नए और आसान इंटरफ़ेस की वजह से  मिलने वाली  सुधीवाओ से हम बहोत चीजों कर पाते है 

 

तो  मुझे आशा है की आपको ऑपरेटिंग सिस्टम क्या हैWhat is Operating In Hindi और कैसे यह हमारे आज के तरह तरह के Computer, Mobile, Machine और भी यंत्रो में काम आता है। अगर ऑपरेटिंग ही न बनती तो इंसानो को इस तरह के Program को चालना बहोत कठिन होजाता था।  

 

बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के हम कम्प्यूटर्स से कुछ नहीं कर पाते इसलिए कम्प्यूटर्स  हो या स्मार्टफोन्स या कोई भी डिजिटल उपकरण उसमे ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System In Hindi) की बहोत एहम भूमिका होती है। 

 

 

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