What is Computer Viruses in Hindi? | कंप्यूटर वारयस व्याख्या, प्रकार और इतिहास

Last updated on May 24th, 2024 at 07:32 pm

Computer Virus in Hindi
Computer Virus in Hindi
 
जो कोई इंसान कंप्यूटर  या फिर लैपटॉप का इस्तेमाल करता है उसे हमेशा ही एक सवाल आताहोगा की आखिर ये कंप्यूटर वायरस क्या है? (what is computer virus in hindi?) और किस तरह हमारे लैपटॉप, कंप्यूटर या स्मार्टफोन में यह वायरस हमला करता है। 
 
कंप्यूटर वायरस (Computer Virus) यह एक संक्रमक बीमारी की तरह है। अभी इसका सबसे अच्छा उदारहण कोरोना वायरस का जिस तरह यह वायरस एक से दूसरे में और दूसरे से तीसरे में फैला है उसी तरह कंप्यूटर वायरस भी अलग अलग रूप में हमारे कंप्यूटर, लैपटॉप, या फिर स्मार्टफोन में आता है। 
 
Computer Virus in hindi यह कोइ नया नाम नहीं है जब से वैयक्तिक कंप्यूटर (Personal Computer) लोगो ने इस्तेमाल करना शुरू किया और जब से परसनल कंप्यूटर लोगो में लोकप्रिय हुआ है तब से अलग अलग तरह के कंप्यूटर वायरस हमें देखने मिले है। तो आज हम इसी कंप्यूटर वायरस  के बारे में थोड़ा जान लेते है की आखिर कंप्यूटर वायरस क्या है | What Is Computer Virus?, इसका इतिहास, इसके प्रकार और कैसे इस वायरस से हम बच सकते है और बहोत कुछ तो चलिए अपने ज्ञान को बढ़ाते है। 

 

 
 
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कंप्यूटर वाइरस क्या है  | What Is Computer Virus 

 

कंप्यूटर वायरस यह एक तरह का द्वेषपूर्वक कंप्यूटर प्रोग्राम  (malicious Computer Program) है। जोकि कंप्यूटर उपभोक्ता के बिना इजाजत के कंप्यूटर के किसी भी तरह के प्रोग्राम या फिर फाइल्स में घुस सकता है। 
 
दुनिया में ऐसे बहोत से हैकर्स या फिर इस तरह का वायरस बनाने  वाले लोग है जोकि किसी की जानकारी निकलने के लिए , किसी के प्रोग्राम को हानि पहोचने के लिए या फिर किसी और के कंप्यूटर या लैपटॉप से अपना काम करवाने के लिए बनाते है। 
 
Computer ko Virus se kaise bachaye
 
यह कोई एक तरह का वायरस प्रोग्राम नहीं है, वारयस निर्माता नई नई तकनीक के हिसाब से वायरस को डेवलप करते रहते है। इसलिए ऐसे भी वायरस होते है जोकि उसी विशेष कंप्यूटर प्रोग्राम के लिए बनाया जाता है जिससे दूसरे उपकरणों  हानि नहीं पहोचता। 
 
दुनिया भर में, कंप्यूटर वायरस (Computer Virus In Hindi) चिंता का एक बड़ा मुद्दा है। क्योकिं हर साल कोई न कोई कंपनी का डेटा लीक करना या फिर सरकारी जानकारी को लिक करना या फिर मिटाना , बैंक से पैसे चुराना इस तरह के बहोत से घोटाले हमें देखने मिलते है और इसी से देश के अर्थवेवस्था को भी बहोत नुक्सान पहोचता है। 
 
कंप्यूटर वायरस सिर्फ कंप्यूटर, स्मार्टफोन्स के प्रोग्राम या फाइल को नुकसान नहीं पहोचता बल्कि कंप्यूटर के हार्डवेरे को इससे नुक्सान है। क्यूकि  ऐसे भी बहोत से कंप्यूटर वायरस देखने मिलते है जोकि कंप्यूटर की हार्डडिस्क, मदरबोर्ड और बाकि पुर्ज़ो कोभी नुक्सान पहोचता है। 
 
 

 

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कंप्यूटर वाइरस का इतिहास | History Of Computer In Hindi 

 
बात करे कम्प्यूटर वायरस के इसीतहास की तो जब से पर्सनल  कम्प्यूटर का इस्तेमाल लोगो ने शुरू किया है उसके  बाद से ही  कही सरे वायरस हमें देखने मिले । शुरवाती दौर में यह सिर्फ छोटे कंप्यूटर तक ही सिमित थे मगर आज के दौर में  बड़े कम्पिनिया, देश की सरकार की तहत आने वाले कम्प्यूटर्स और प्रोग्राम में भी हमें अलग अलग तरह के वायरस अलग अलग नाम से देखने मिलते है। तो चलिए देखते है कंप्यूटर वायरस  की शुरवात (History If Computer Virus), और ऐसे प्रसिद्ध वायरस जिससे बहोत से कम्पीय और सरकारों को परेशानी झेल नई पड़ी। 
 
साल १९८५ में प्रसिद्द अमेरिकन कंप्यूटर वैज्ञानिक फ्रेड कोहेन इन्होने सबसे पहले “वायरस ” (Virus) इस शब्द को परिभाषित किया गया था। और वायरस से संभदित ऐसे कही सारी सज्ञाओको फ्रेड कोहेन ने लोगो के समाने रखा था।
 
वर्ष १९४९ में प्रसिद्धगणितज्ञ और वैज्ञानिक जॉन वॉन नमन ने  एक स्लेफ़ रेप्लिकेटिंग प्रोग्राम (Self Replicating Program) बनाया था जिसमे यह वायरस बहोत से कम्प्यूटर्स के अंदर फैलता चलागया था। इस प्रोग्राम ने बहोत से कम्प्यूटर्स को हानि भी पहोचाई थी। इसे दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस माना जाता है। 
 
साला १९७१ में दुनिया का पहला कंप्यूटर वायरस बनाया गया था जोकि बॉब थॉमस की और से बनाया गया था , जिसे “क्रीपर सिस्टम” कहा जाता था , यह वायरस  हार्ड ड्राइव को तब तक भर रहा था जब तक कि कोई कंप्यूटर आगे संचालित नहीं हो सकता। यह वायरस अमेरिका में बीबीएन प्रौद्योगिकियों (BBN)द्वारा बनाया गया था। 
 
वर्ष १९७२ में  क्रीपर वारयस (Creeper Virus) को ख़त्म करने के लिए कंप्यूटर वैज्ञानिक रे टॉमलिसन ने ‘रीपर’ (Reeper) नामका प्रोग्राम बनाया था यह एक पक्रार का एंटीवायरस था। 
 
साल १९८६ में ‘अमजद फ़ारूक़ अल्वी’ और ‘बासीद फारूक अल्वी’  इन दो पाकस्तानी के रहने वाले भाइयोंने ‘ब्रेन’ या सी-ब्रेन (Brain) नमक वायरस बनाया था। इस वायरस की खास बाद ये थी की इसे विशेष रूप से परसनल कंप्यूटर यानि के IBM PC (MS-DOS Operating System) के लिए बनाया गया था। 
 
वर्ष  १९८८ में ‘मोरिस’ (MORRIS) नमकवायरस दुनिया का पहला ऐसा कंप्यूटर वायरस (Computer Virus In Hindi) था जोकि बहोत बड़े  पैमाने में कम्प्यूटर्स में संक्रमित हुआ था। इस वायरस को कॉर्नल यूनिवर्सिटी के छात्र रोबर्ट मोरिस द्वारा बनाया गया था।  इसका उपयोग इंटरनेट के आकर को निर्धारित करने के लिए बनाया गया था।  यहाँ वायरस इतने तेज़ी से फैला था की लगभग १५ घंटो में ही इस वायरस ने १५००० कम्प्यूटर्स  संक्रमित कर दिया था। उसके बाद आज भी हमें इस तरह के कही सारे वारयस देखने मिलते है। 
 
साल १९९७ में ‘स्टॉग’ (Staog) वारयस इसेसबसे  पहली बार लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बया गया था। इसे लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Linux Operating System) की सुरक्षा को जांचने के लिए बनाया गया था। 
 
साल १९८८ में रिचर्ड ब्रांडो नमक शख्स ने ‘मैकमग’ (Macmag) नमक वायरस लिखा था जोकि एप्पल (Apple) मैकिंटोश ऑपरेटिंग सिस्टम को ख़राब करने के लिए बनाया। यह पहल वायरस था की जिसने  एप्पल के किसी प्रोडक्ट को संक्रमित किया हो। 
 
इसी तरह के बहोत से कम्प्यूटर्स वायरस  हमें कंप्यूटर दुनिया के इतिहास में देखने मिले है जिन्होंने अलग अलग माध्यम से कम्प्यूटर्स को नुकसान पहोचाया था। 
 

कंप्यूटर वाइरस के प्रकार | Types Of Computer Viruses in Hindi 

 

रेसिडेंट वायरस | Resident Viruses 

 
 
रेजिडेंट वायरस आपके कंप्यूटर की रैम में छिपते हैं। और इसी तरह वे मेमोरी में रहते हैं, इसलिए वे आपके द्वारा चलाई जाने वाली किसी भी फाइल को संक्रमित कर सकते हैं। नतीजतन, रेसिडेंट वायरस विशेष रूप से तेजी से फैलते हैं। इस तरह के वायरस को आप ऐंटिवायरस के जरिये ख़त्म कर सकते है। 
 

डायरेक्ट एक्शन वायरस | Direct Action Viruses 

 
डायरेक्ट एक्शन वायरस एक अन्य प्रकार का कंप्यूटर वायरस है जो आपकी फ़ाइलों को संक्रमित करता है। यह वायरस रेसिडेंट वायरस के एकदम विपरीत माना जाता है, हालांकि, वे एक विशिष्ट फ़ाइल प्रकार को लक्षित करते हैं, सबसे अधिक बार Exe और.com इस तरह की फाइलें। इसके विशिस्ट लक्षित स्वाभाव की वजह से इसे आसानी से ढूंढ के हम हटा भी सकते है। 
 

ओवरराइट वायरसेस | Overwrite Viruses 

 
इस तरह के वारयस की वजह से एक विशिष्ट फाइल ही नहीं बल्कि पूरा फोल्डर, फाइले और प्रोग्राम को एक बार में ही संक्रमित करने की क्षमता है। इतिहास में I LOVE YOU नमक वायरस काफी चर्चित रहा है और यह ओवर राइट का सबसे प्रसिद्ध उदारहण है। 
 

ब्राउज़र हाइजैकार वायरसेस | Browser Hijacker Viruses 

 
इस वायरस के नाम की तरह ही इस वायरस का काम है। यह वायरस हमें ब्राउज़र में देखने मिलता है। यह वायरस कोई भी वेबसाइट में घुस के वाहा से कोई भी अनजानी वेबसाइट पे रीडायरेक्ट करता है और उन वेबसाइट पे अलग अलग तरह के एड्स शो करता है या फिर उन वेबसाइट से अलग अलग तरह के वायरस  कम्प्यूटर्स में आने की संभावना भी होती है। 
 

मल्टी पारटाइट वायरसेस | Multipartite Viruses 

 
मल्टीपार्टाइट वायरस कंप्यूटर वायरस के सबसे खतरनाक प्रकारों में से एक है। अधिकांश अन्य वायरस के विपरीत, मल्टीपार्टाइट वायरस आपके कंप्यूटर को विभिन्न तरीकों से संक्रमित कर सकते हैं। मल्टी पारटाइट वायरसेस फ़ाइलों और आपके कंप्यूटर के बूट क्षेत्र दोनों को एक साथ लक्षित कर सकते हैं।
 

नेटवर्क वारायसेस | Network Viruses 

 
नेटवर्क वायरसेस किसी भी तरह के नेटवर्क कनेक्शन की माध्यम से कम्प्यूटर्स में आते है और वे इस तरह दिखाते है की वे उन नेटवर्क का ही हिस्सा है। 
 
 

वेब स्क्रिप्टिंग वायरसेस | Web Scripting Viruses 

 
इस तरह के वायरस को काफी खतरनाक का स्वरुप का वायरस माना जाता है , क्यूकी यह वायरस वेबसाइट लिंक, तस्वीरें , वीडियो और कही तरह के फाइल्स में छुपकर रहता है। इस वारयस में पुरे सिस्टम को संक्रमित करने की क्षमता होती है। 
 
वेब स्क्रिप्टिंग वायरस का उपयोग आमतौर पर बड़ी आबादी वाली साइटों पर हमला करने के लिए किया जाता है जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, उपयोगकर्ता समीक्षा और ईमेल। वेब स्क्रिप्टिंग वायरस अन्य वायरस की तुलना में थोड़ा तेजी से संक्रमित होने में सक्षम हैं। वेब स्क्रिप्टिंग वायरस का एक सामान्य संस्करण DDoS है। इसमें स्पैम संदेश भेजने, डेटा को नुकसान पहुंचाने और उपयोगकर्ताओं को धोखा देने की क्षमता है। 
 

बूट सेक्टर वायरसेस | Boot Sector Viruses 

 
यह वायरस यूएसबी ड्राइव या ईमेल अटैचमेंट पर एक फ़ाइल में छिपाया जाता है। सक्रिय होने पर, यह सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के लिए सिस्टम के मास्टर बूट रिकॉर्ड को संक्रमित कर सकता है।
 

कंप्यूटर वायरस कैसे फैलता है | How do Computer Viruses Spread

 

Computer Viruses In Hindi को आमतौर पे ईमेल और टेक्स्ट मैसेज अटैचमेंट, इंटरनेट फाइल डाउनलोड और सोशल मीडिया स्कैम लिंक के माध्यम से फैलाया जा सकता है। इसी तरह कंप्यूटर या स्मार्टफोन्स के एप्लीकेशन के जरिये भी वायरस को फैला जा सकता है। 
 
कंप्यूटर वायरस कोआकर्षित तरह की तस्वीरे,प्रसिद्ध लोगो की तस्वीरें या फिर वीडियो या फिर अच्छी कोई टेक्स्ट के अंदर छिपा कर फैला सकते है। 
 
आजकल लोग व्हाट्सऐप से कही विशिंग सन्देश लोगो को फोरवोर्ड करते है और एक ही सन्देश फोरवोर्ड होने की वजह से वो लाखो लोगो तो तक कुछ वक़्त में ही फैलता है और इसी तरह के सन्देश में काफी बार लोग वायरस डालकर फैला सकते है। 
 

कंप्यूटर वायरस के नुकसान | Disadvantages Of Computer Virus 

 

कुछ कंप्यूटर वायरस प्रोग्राम को नुकसान पहुंचाकर, फ़ाइलों को हटाकर या हार्ड ड्राइव को करप्ट करके आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं। तरह तरह के कंप्यूटर वायरस (Computer Virus In Hindi) एक विशिस्ट वक़्त के बाद ही असर दिखाना शुरू करते है और ऐसे बहोत से सभवनाएँ हमें ये बताते है की कंप्यूटर में किसी तरह का वारयस मौजूद है। तो ऐसी ही कुछ बातो पर ध्यान देते है जोकि आम तौर पर वारयस के शिरकाव से हमें हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप पर देखने मिलती है। 
  • कंप्यूटर की परफॉरमेंस स्लो होना। 
  • कंप्यूटर का थोड़ी थोड़ी वक़्त में रुक जाना। 
  • किसी तरह की फाइल्स खुद ब खुद ही डीलिट होजाना। 
  • किसी भी तरह के कंप्यूटर प्रोग्राम पर नियत्रण न रहना। 
  • हैकिंग का शिकार होजाना। 
  • कंप्यूटर के स्वाभाव में बदल होना। 

 

कंप्यूटर वाइरस के उदारहण | Examples Of Computer Viruses

 

I love you computer Virus
I love you computer Virus
 

जब से परसनल कंप्यूटर लोगो ने इस्तेमाल करना शुरू किया है उसी वक़्त से  हमें बहोत से अलग अलग तरह के वायरस देखने मिले है।

 

शुरवाती दौर में कंप्यूटर वायरस (Computer Viruses In Hindi) किसी को नुक्सान पहोचाने के उद्देश्य के साथ कम्प्यूटर्स के परीक्षण के लिए या फिर कही बार बिना किसी उद्देश्य अपने आप ही कंप्यूटर वायरसेस का जन्म  हुआ है जिसने लोगो का बहोत नुकसान किया था।

 

तो दुनिया के ऐसे ही कुछ कंप्यूटर वायरसेस जिसकी वजह से लोगो को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी।

 

  • कॉड रेड 
  • आय लव यू 
  • मेलिसा 
  • ब्लास्टर 
  • स्लैमर 
  • द मोरिस वॉर्म 
  • एल्क क्लोनर 
  • क्रीपर 
  • कॉन फिकर 
  • स्टक्सनेट
  • माय डूम 
  • क्रिप्टोलॉकर 
  • फ्लैशबैक  

 

कंप्यूटर वायरस को कैसे रोके | How to Help Protect Against Computer Viruses 

 

कंप्यूटर वायरस (Computer Virus In Hindi) यह एक फ्लू की तरह होता है जिस तरह फ़्लुए एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे से फैलता है उसी तरह से कम्प्यूटर्स में आने वायरस भी किसी न किसी माध्यम के जरिये एक से दूसरे कम्प्यूटर्स ,वेबसाइट,प्रोग्राम में फैलते है। अगर हमें यह पता चल जाये की इस तरह के वायरस से बचने के क्या क्या करना चाइये तो हम इस तरह के वायरस का शिकार होने से बच सकते है। ऐसे कुछ तरीके जिससे हम बजट से वायरसेस से बच सकते है। 
 
How to Protect Computer Against Virus
How to Protect Computer Against Virus

 

  • ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट करते रहे। 
  • भरोसे मंद कम्पीने के प्रोग्राम का इस्तेमाल करे। 
  • ध्यान रहे की कंप्यूटर या स्मार्टफोन्स के अप्लीकेशन हमेशा अपडेट रहे। 
  • अनजाने ईमेल की लिंक को ना खोले 
  • अनजान वेबसाइट पर ना जाये और ना ही किसी फ़ाइल को डाउनलोड करे 
  • ब्राउज़र में आने वाले किसी भी तरह के पॉपअप  को क्लिक न करे। 
  • साधारण दिनों में अपने कम्प्यूटर से महत्पूर्ण फाइल्स या प्रोग्राम का बैकअप लेते रहे। 
  • अच्छे और पेड़ एंटीवायरस का उपयोग करे 
  • अपने कंप्यूटर और आई डी (Email id ,Facebook id, Bank password) के पासवर्ड हमेशा मज़बूत रखे। 
  •  फायर वॉल का इस्तेमाल करे 

 

 

आपके सवाल और हमारे जवाब | QnA 

 

सवाल :- वायरस का फुल फॉर्म क्या है?  | What Is The Full Form Of VIRUS ?
जवाब :- Vital Information Of Resources Under Siege
 
सवाल :-   पहल वैयक्तिक कंप्यूटर वायरस किसने बनाया? | Who Created First Computer Virus ?
जवाब :-  अमजद अल्वी  और बासिद फारूक अल्वी (ब्रेन)
 
सवाल :- ट्रोजन हॉर्स क्या है?  |  What Is Trojan Horse ?
जवाब :- ट्रोजन हॉर्स एक प्रोग्राम है जिसे कंप्यूटर पर डाउनलोड और इंस्टॉल किया जाता है जो हानिरहित दिखाई देता है, लेकिन वास्तव में वो बहोत खतरानक माना जाता है। 
 
सवाल :-2023 के सबसे अच्छे ऐंटिवायरस कोनसे है | which is best antivirus software in 2023  
जवाब :-  Norton , McAfee, Webroot, kaspersky, Bitdefender 
 
सवाल :-  I LOVE YOU वायरस किसने बनाया | Who Made  I LOVE YOU Virus 
जवाब :- ऑनल डी गुजमान (Onel De Guzman)
 
 
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